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जौनपुर न्यूज : मर्यादित जीवन जीने की कला सिखाती है राम कथा - व्यास उमादास



महराजगंज (जौनपुर)। क्षेत्र के भटपुरा बाबा परमहंस विद्यालय में चल रहे नौ दिवसीय श्री राम कथा के सातवें दिन अयोध्या से पधारे कथा व्यास उमादास जी महाराज ने कथा के दौरान कहा कि राम का चरित्र अनुकरणीय है।जो कोई प्रभु श्रीराम के आदर्शों पर चलने का संकल्प ले लेतो उसका जीवन धन्य हो जाता है।जीवन की सार्थकता के लिए अध्यात्म व धर्म का अनुसरण बहुत जरूरी है।भगवान राम का चरित्र जहां एक ओर पारिवारिक रिश्तों की अहमियत को दर्शाता है। 


राम वन गमन की कथा सुनाते हुए व्यास ने कहा कि प्रभु श्री राम पिता दशरथ की आज्ञा से मर्यादा में रहकर चौदह वर्ष वनवास करने चले गए।राजश्री सुखों का परित्याग करने में रंच मात्र की देर नहीं लगाई।आज के समय में हमें राम के आदर्शों का पालन करते हुए भारतीय संस्कृति की मर्यादा का पालन करना चाहिए। श्रीराम मर्यादित ढंग से एक साधारण पुरुष की तरह अपना जीवन व्यतीत किए। उन्होंने जगत कल्याण के लिए धरती पर अवतरित होकर के दुष्ट राक्षसों का वध किया। ऐसे राजाराम माता, पिता गुरु के बड़े ही आज्ञाकारी रहे।राम जैसा पुत्र पाना प्रत्येक मां-पिता के लिए के लिए गौरव की बात है। हमें बच्चों में ऐसे ही संस्कार भरने चाहिए।इस दौरान मुख्य यजमान सोनू सिंह व्यवस्थापक अखिलेश यादव द्वारा आरती व प्रसाद का वितरण किया गया।इस मौके पर ,सूर्यनारायण सिंह पूर्व प्रधान सूबेदार यादव,बुलाकी राम,राजाबाबू समेत सैकड़ों श्रद्धालु लोग उपस्थित रहे।

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