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जौनपुर मे साधु के भेष में भीख मांग रहा था बेटा, मां ने 13 साल बाद भी नहीं भूली बेटे की शक्ल, कहा— तू ही है मेरा राकेश

जौनपुर मे साधु के भेष में भीख मांग रहा था बेटा, मां ने 13 साल बाद भी नहीं भूली बेटे की शक्ल, कहा— तू ही है मेरा राकेश

जौनपुर मे साधु के भेष में भीख मांग रहा था बेटा, मां ने 13 साल बाद भी नहीं भूली बेटे की शक्ल, कहा— तू ही है मेरा राकेश
भीख मांगते साधु के भेष में दिखा खोया हुआ बेटा, मां ने एक नजर में पहचाना

Jaunpur News:
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से एक बेहद भावुक और आश्चर्यजनक मामला सामने आया है। चंदवक थाना क्षेत्र के बलरामपुर गांव से 13 साल पहले रहस्यमय तरीके से लापता हुआ युवक अचानक साधु के वेश में लौट आया। वह जब अपनी ही मां से भिक्षा मांगने पहुंचा, तो मां की ममता जाग उठी और उन्होंने एक ही नजर में अपने बेटे को पहचान लिया।

दुर्गा मंदिर के पास मिला साधु

बता दे कि, 17 जुलाई को चंदवक बाजार स्थित दुर्गा मंदिर के पास एक साधु को भिक्षा मांगते हुए देखा गया। स्थानीय लोगों को उसका चेहरा कुछ जाना-पहचाना सा लगा। जब यह बात गांव में फैली, तो बलरामपुर निवासी राकेश की मां और छोटा भाई बृजेश मौके पर पहुंचे। मां ने जैसे ही साधु को देखा, उनकी आंखें भर आईं और उन्होंने उसे तुरंत पहचान लिया।

पहले किया पहचान से इनकार

साधु वेश में खड़े युवक ने पहले अपनी मां को पहचानने से इनकार कर दिया और वहां से निकलने की कोशिश की। लेकिन मां की ममता और भाइयों के भावुक प्रयासों ने उसे रोक लिया। मां बेटे से लिपटकर जोर-जोर से रोने लगीं। यह दृश्य देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भी नम हो गईं।

2012 में अचानक हो गया था लापता

राकेश, जो वर्ष 2012 में मात्र 19 वर्ष का था, अचानक घर से लापता हो गया था। उसके पिता मुखई राम का निधन उसी वर्ष जनवरी में हुआ था। इसके बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। मां ने तीन बेटो राकेश, बृजेश और मंजेश के सहारे जीवन की गाड़ी खींचनी शुरू की। लेकिन राकेश के गायब हो जाने से घर का माहौल और भी शोकपूर्ण हो गया।

वर्षों तक ढूंढता रहा परिवार

परिवार ने राकेश को खोजने के लिए हर संभव प्रयास किए, लेकिन वह कहीं नहीं मिला। छोटे बेटे मंजेश ने रोजगार के लिए पुणे चला गया, जबकि बृजेश गांव में रहकर मां की देखभाल करता रहा। मां ने कभी उम्मीद नहीं छोड़ी और हर रोज भगवान से बेटे की सलामती की प्रार्थना करती रहीं।

अब भी मौन है राकेश

13 वर्षों बाद लौटे राकेश ने अभी तक यह नहीं बताया कि वह अचानक कहां चला गया था और इतने वर्षों तक साधु के रूप में कैसे जीवन जीता रहा। वह पूरी तरह मौन है और किसी से कोई बातचीत नहीं कर रहा।

गांव में चर्चा का विषय बनी घटना

यह मामला अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग हैरान हैं कि 13 साल तक किसी को उसकी खबर नहीं मिली और अब वह साधु के रूप में लौट आया।

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