जौनपुर: जिले के महराजगंज क्षेत्र में गांव गांव झोला छाप डॉक्टरो की भरमार है। चाय की गुमटियो जैसी दुकानो में झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की इलाज धड़ल्ले से कर रहे है। मरीज चाहे जैसी गम्भीर बिमारी से पीड़ित हो फिर भी ये झोलाछाप इलाज करने से बाज नहीं आते। उल्टी दस्त खांसी जुखाम बुखार के अलावा गम्भीर रोग टीबी दमा हेपेटाइटिस एचआईवी व कैंसर जैसे गम्भीर रोगो का इलाज भी ये झोलाछाप छलावा देकर करते रहते है अंत में रोगी का उचित इलाज न होने के कारण वे मौत के शिकार हो जाते है। इतना ही नही ये डाक्टर बिना किसी लाइसेंस के दवा का भंडारण भी करते है। इन झोलाछापो से आये दिन मरीजो का असमय जान गवानी पड़ती है।
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फ़ोटो : सांकेतिक |
महराजगंज क्षेत्र के राजाबाजार में बिना डिग्री 18 झोलाछाप डॉक्टर है दो किमी पर ही गांधीनगर में 8 और महराजगंज के सवंसा पड़ाव पर 11 अस्पताल ऐसी है जहां बिना किसी प्रमाण के बिना किसी सर्जन ऑपरेशन धड़ल्ले से किया जाता है। इसी तरह महराजगंज मेनरोड दुगौली अमारी मोड़ से लेकर कब्रिस्तान तक झोलाछाप डॉक्टरो का बोल बाला है बिना डिग्री बेगैर मानक अस्पताल खोल वबासीर भकंदर आतड़ी हाइड्रोसील व प्रसव पीड़ित महिलाओ की बच्चेदानी और उनका प्रसव का भी ऑपरेशन पेट फाड़कर करते है ऐसी परिस्थिति में कई बार महिलाओ की मौत भी हो चुकी है फिर भी ये झोलाछाप निरंकुश हो सीजर करने से नही चूकते।
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ऐसी ही स्थिति कोल्हुआ व लोहिन्दा चौराहा से लेकर पड़री और बंधवा बाजार लोहिना तक की है, जहां प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक महिला व पुरूषो का ऑपरेशन होता रहता है। बताते है कि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से गांवो में तैनात आशा कर्मी कमीशन के चक्कर में गर्भवती प्रसव पीड़ित महिलाओ को बहला फुसलाकर प्राईवेट झोलाछाप अस्पतालो में ऑपरेशन करवाने को बाध्य कर देती है जबकि उनकी डिलवरी डाक्टरो की देख रेख में नार्मल भी हो सकती है। सुनने में यहां तक आता है कि प्रसव पीड़ित महिलाओ के ऑपरेशन में आशा वर्कर पांच से सात हजार रूपये तक का कमीशन लेती है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग सब कुछ जानते हुए भी मौन है।
बिना मानक संचालित क्लीनिकों पर होगी जांच
इस सम्बन्ध में सीएचसी अधीक्षक डा. राजेन्द्र प्रसाद का कहना है कि सुनने में आ रहा है कि बिना मानक कई क्लिनिक संचालित है जिसे जल्द ही सम्बन्धित उच्चाधिकारी के निर्देश पर अभियान चलाकर जांच पड़ताल की जायेगी दोषी के खिलाफ कार्यवाही होगी।