यूपी के जौनपुर जिले में नेवढ़िया थाना क्षेत्र के मढ़ी गांव में दीपावली की रात हुई एक घटना ने तनाव बढ़ा दिया। अनुसूचित जाति के युवक सूरज गौतम की पिटाई से हुई मौत के बाद स्वजनों ने थाने के बाहर जमकर प्रदर्शन किया।
क्या है मामला?
31 अक्टूबर की रात करीब 9 बजे, मढ़ी गांव निवासी सूरज गौतम दुकान बंद कर घर लौट रहे थे। रास्ते में गांव की पुलिया पर पहले से मौजूद चार युवकों प्रद्युम्न यादव, आशीष यादव, अजय यादव (पुत्र सुभाष यादव) और अजय यादव (पुत्र चंद्रप्रकाश) ने उन्हें रोक लिया। सूरज पर जातिसूचक गालियां देने के बाद, बिना किसी वजह के लाठी-डंडों से उस पर हमला कर दिया। हमले में सूरज गंभीर रूप से घायल हो जाने से मौके पर ही बेहोश हो गया।
इलाज के दौरान मौत
घटना की सूचना पाकर परिजनों ने सूरज को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया। उनकी हालत गंभीर होने पर उन्हें वाराणसी के बीएचयू ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। लेकिन शुक्रवार शाम को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
स्वजनों का गुस्सा और थाने में प्रदर्शन
मौत की खबर मिलते ही सूरज के परिजन आक्रोशित हो गए और शव लेकर थाने पहुंच गए। उन्होंने थाने के बाहर प्रदर्शन करते हुए मामले में तत्काल कार्रवाई और आर्थिक सहायता की मांग की। प्रदर्शनकारियों की जिद थी कि कोई जिम्मेदार अधिकारी उनसे आकर बात करे।
पुलिस की कार्रवाई
मृतक सूरज की मां जावित्री देवी की तहरीर पर पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट और अन्य गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया। तीन आरोपियों—प्रद्युम्न यादव, आशीष यादव और अजय यादव (पुत्र सुभाष यादव)—को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, जबकि चौथा आरोपी अजय यादव (पुत्र चंद्रप्रकाश) अभी फरार है।
शव का अंतिम संस्कार
घटना स्थल पर पुलिस बल और पीएसी तैनात कर दी गई। लगभग एक घंटे तक प्रदर्शन के बाद सीओ मड़ियाहूं संजय वर्मा के आश्वासन पर परिजन शांत हुए और शव को अंतिम संस्कार के लिए वाराणसी ले गए। थानाध्यक्ष नेवढ़िया अमित पांडे ने बताया कि मामले में सख्त कार्रवाई जारी है और फरार आरोपी की तलाश के लिए छापेमारी की जा रही है।