उन्होंने बताया कि उनके दादा स्व.बनवारी राम का सपना था कि वह उच्च शिक्षा ग्रहण करके प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में प्रोफेसर बनें जो साकार हुआ। इनके पिता राधेश्याम एक साधारण किसान हैं और माता एक गृहणी हैं। इनकी परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उस समय में संघर्ष ज्यादा था और समस्या का सामना करना पड़ा।इसके अलावा इन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य पुरस्कार, युवा शोध विद्वान पुरस्कार, युवा वैज्ञानिक पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ पीएचडी थीसिस पुरस्कार मिल चुके हैं। इसके अतिरिक्त उनके 15 शोध पत्र ,पांच पुस्तक अध्याय अलग-अलग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इंटरमीडिएट तक की शिक्षा श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर, आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय अयोध्या से स्नातक तथा परास्नातक की शिक्षा ग्रहण की। कृषि अर्थशास्त्र विषय से पीएचडी की उपाधि हासिल किया। वर्तमान समय में इनवर्टिस विश्वविद्यालय बरेली में कृषि विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। प्रबंधक हृदय प्रसाद सिंह रानू, पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. रणजीत सिंह. संतोष कुमार सिंह,विनय त्रिपाठी, संतोष कुमार, धर्मदेव शर्मा, अजय कुमार सिंह, अरुण मौर्य, डॉ. शोभनाथ यादव सहित आदि शिक्षकों ने बधाई दी है।
Jaunpur News: सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किए गए डॉ. अजीत, क्षेत्र का बढ़ा सम्मान
Get the latest breaking news on Avp News24 - National, international, politics, sports, entertainment, crime, technology, education, and lifestyle.
मंगलवार, अक्टूबर 08, 2024
Google News
जौनपुर। जिले के सुइथाकला क्षेत्र के श्री गांधी स्मारक इंटर कॉलेज समोधपुर के छात्र रहे डॉ. अजीत कुमार को एशिया बागवानी जैविक और आयुर्वेदिक खेती के संबंध में किए गए शोध पर शनिवार को बेस्ट इमर्जिंग साइंटिस्ट अवार्ड मिला है। देहरादून में आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कृषि उत्पादन और विपणन से संबंधित समस्याओं के समाधान के शोध पर इन्हें यह अवार्ड मिला। इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य अतिथि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पूर्व उप महानिदेशक डॉ. एनएस राठौर के हाथों प्राप्त हुआ। इस सम्मेलन में अलग-अलग देशों और राज्यों से अनेकों वैज्ञानिकों ने हिस्सा लिया। सर्वश्रेष्ठ उभरते वैज्ञानिक के रूप में डॉ अजीत को चुना गया। इस उपलब्धि का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता तथा शिक्षकों को दिया है। उन्होंने अपनी सफलता के पीछे पूर्व प्रधानाचार्य डॉ.रणजीत सिंह का सबसे बड़ा योगदान बताया। प्रधानाचार्य डॉ. अजेय प्रताप सिंह, शिक्षकों राकेश सिंह, प्रेमनाथ सिंह चंदेल, राधेश्याम मौर्य आदि शिक्षकों की प्रेरणा हमेशा मिलती रही। उन्होंने बताया कि वह पढ़ाई-लिखाई में मध्यम श्रेणी के छात्र थे। प्रतियोगी छात्र-छात्राओं के लिए संदेश दिया कि एक उद्देश्य निर्धारित करके तैयारी करें। जो भी करें दिल से करें सफलता जरूर मिलेगी।
पढ़ें अपने जिले की हर विश्वसनीय और ताज़ा खबर सबसे पहले – सिर्फ
Avp News24 पर
Google News पर फॉलो करें -
Click Now
WhatsApp चैनल से जुड़े -
Click Now
X (Twitter) पर फॉलो करें -
Click Now
Tags :