षड्यंत्र के तहत चुनावी मैदान से हटाया गया, धनंजय की राजनीति का दमखम इसी महीने दिखेगा : राजदेव सिंह
जौनपुर। मंगलवार को श्रीकला धनंजय सिंह का पर्चा खारिज हो गया, क्यूँकि रास्ट्रीय पार्टी से उन्होंने नामांकन किया था, इसलिए मात्र एक प्रस्तावक पूर्व प्रमुख संतोष तिवारी रहे, ऐसा निर्वाचन गाइड लाइन भी है। यदि वह निर्दल होतीं तो 10 प्रस्तावक होते। इससे तस्वीर साफ हो जाती है कि उन्होंने पर्चा उठाया नहीं बल्कि खारिज हुआ। इसकी पुष्टि धनंजय सिंह के राजनीतिक प्रवक्ता अशोक सिंह ने की।
इसी दौरान धनंजय सिंह के पिता एवं पूर्व विधायक राजदेव सिंह ने कहा की धनंजय सिंह के बहाने श्रीकला का टिकट बहन मायावती ने मेरे सामने फाइनल किया था, बाद में षड्यंत्र के तहत काट दिया गया, और बसपा घनश्याम खरवार आक्षेप इन्हीं पर लगाए की टिकट वापस ले लिया। दरअसल यह उनके जरिये पार्टी को हार का डर बाहर आया है। उन्होंने कहा कि श्री खरवार के डर का परिणाम इसी महीने मिलेगा भी, तब साबित होगा की धनंजय का प्रभाव जौनपुर की दोनों सीटों और पूर्वांचल मे क्या है? इसमें षड्यंत्रकारी मुँह के बल गिरे नज़र आएंगे।
अशोक सिंह ने बताया कि अब दो दिन बाद जौनपुर की राजनीति में धनंजय सिंह नए तेवर, कलेवर में नज़र आएंगे, वह अपने समर्थकों की, कार्यकर्ताओ के साथ विचार- विमर्श करके कुछ बड़े कदम उठाएंगे।
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