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आखिर क्यों भोलेनाथ ने मरते हुए कर्ण को अपनी गोंद मे उठाया था , क्या देना चाहता था कर्ण भोले नाथ को


एवीपी न्यूज़ 24पुराणों में अक्‍सर ऐसा पढ़ने में आता है कि महाभारत युद्ध के दौरान कर्ण अपने रथ का पहिया निकाल रहा था तब भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था हे अर्जुन इससे पहले कर्ण फिर से अपना विजय धनुष उठा ले उससे पहले कर्ण का वध कर दो तभी इतना सुनकर अर्जुन ने कर्ण को धराशायी कर दिया । यह समाचार सुनकर कुरुक्षेत्र के राणीभूमि में भगवान परशुराम आये और कर्ण से कहा हे महादानी कर्ण मैं जानता हूं तुम एक सर्वश्रेष्ठ धनुषधर हो हे कर्ण मुझे माफ़ करना क्योंकि मैंने इसी दिन के लिए तुम्हे श्राप दिया था । 

क्योंकि मैं जानता था कि तुम इतने सक्षम हो कि तुम इस महाभारत युद्ध को जीत सकते थे । लेकिन जिस पक्ष की तरफ स्वंय नारायण हो तो तुम इस युद्ध को जीत कर भी हार जाते कर्ण अब समय आ गया है जो विजय धनुष दिया था उसे स्वंय महादेव को वापस करने का ये सुनते ही कर्ण ने महादेव को तुरंत पुकारा महादेव तुरंत ही कुरुक्षेत्र में प्रकट हुए और महादेव ने कर्ण से कहा हे महादानी कर्ण जब जब पृथ्वी पर महावीरों की चर्चा होगी उन सब मे तुम्हारा नाम भी होगा और यह नाम अमर हो जाएगा । यह सुनते ही कर्ण ने अपना विजय धनुष महादेव को दे दिया और अपने प्राण त्याग दिया ।


Post by - Vishal Yadav

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