क्योंकि मैं जानता था कि तुम इतने सक्षम हो कि तुम इस महाभारत युद्ध को जीत सकते थे । लेकिन जिस पक्ष की तरफ स्वंय नारायण हो तो तुम इस युद्ध को जीत कर भी हार जाते कर्ण अब समय आ गया है जो विजय धनुष दिया था उसे स्वंय महादेव को वापस करने का ये सुनते ही कर्ण ने महादेव को तुरंत पुकारा महादेव तुरंत ही कुरुक्षेत्र में प्रकट हुए और महादेव ने कर्ण से कहा हे महादानी कर्ण जब जब पृथ्वी पर महावीरों की चर्चा होगी उन सब मे तुम्हारा नाम भी होगा और यह नाम अमर हो जाएगा । यह सुनते ही कर्ण ने अपना विजय धनुष महादेव को दे दिया और अपने प्राण त्याग दिया ।
Post by - Vishal Yadav