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मुख्य अतिथि ने कहा कि बाबा अम्बेडकर को जाति के दायरे में रखना उनका घोर अपमान है, उन्होनें जातिविहीन, वर्गविहीन समाज की स्थापना के लिए अथक कार्य किया। मुख्य वक्ता ने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर ने इस देश का संविधान बनाकर इस देश के गरीब, मजलूम, कमजोर तबके के लिए शिक्षा का द्वार खोला जिससे कमजोर तबके के लोग पढ़ लिखकर अधिकारी, कर्मचारी, डाक्टर, प्रोफेसर, इंजीनियर, बैरिस्टर बन कर देश समाज की सेवा कर रहे हैं। अन्य वक्ताओं में डा० लालजी प्रसाद, डा० विनोद कुमार, जगधारी लाल, प्रेमचन्द, विनोद कुमार चुन्नू मा० अजय कुमार ने अपना विचार व्यक्त किया। अन्त में मुख्य अतिथि ने जुलूस में आयी झाकियों को प्रशस्ति पत्र व मोमेन्टो देकर सम्मानित किया। अन्त में अध्यक्ष ने सभी आये हुए आगन्तुकों के प्रति आभार प्रकट करते हुए सभा समाप्त करने की घोषणा किया।