जौनपुर। अपर सत्र न्यायाधीश पाक्सो उमेश कुमार की अदालत ने दस वर्ष पूर्व केराकत थाना क्षेत्र निवासी दलित बालिका के अपहरण व दुष्कर्म के आरोप में दोषसिद्ध पाते हुए एक युवक को 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 68000 रूपए अर्थदंड से दंडित किया।
अभियोजन कथानक के अनुसार केराकत थाना क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति ने स्थानीय थाने में 6 जुलाई 2015 को अभियोग पंजीकृत करवाया कि नरहन गांव निवासी मुन्ना यादव विगत दो वर्षों से उसके घर आता जाता था। 28 जून 2015 को मुन्ना यादव वादी की 15 वर्षीया नाबालिग बहन को बहला फुसलाकर भगा ले गया। दोनों लोगों को बहुत खोजने की कोशिश की गई किंतु नहीं मिले। फोन पर मुन्ना यादव ने बताया कि मैंने पीड़िता के साथ शादी कर लिया है जो करना हो कर लो। आज पीड़िता घर आकर रोते हुए बताई की मुन्ना यादव उसे बहला फुसलाकर भगा ले गया था और जबरन शादी करके उसके साथ दुष्कर्म कर रहा था। विरोध करने पर डांट डपटकर चुप करा दिया और कहा कि किसी से कुछ कहोगी तो पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा।
चिकित्सकीय परीक्षण में पीड़िता के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई और वह गर्भवती पाई गई। विशेष लोक अभियोजक वेद प्रकाश तिवारी व रमेश चंद्र पाल के द्वारा परीक्षित कराए गए गवाहों के बयान एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात् अदालत ने आरोपी मुन्ना यादव को दलित बालिका के अपहरण व दुष्कर्म का दोषी पाते हुए 20 वर्ष के सश्रम कारावास व 68000 रूपए अर्थदंड से दंडित किया।
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