जौनपुर। कलेक्ट्रेट बार के अध्यक्ष और महामंत्री का निलंबन बार काउंसिल उत्तर प्रदेश ने वापस ले लिया है। बार काउंसिल ने यह कदम पैसा वापस मिलने के बाद उठाया है।
मालूम हो कि बार काउंसिल उत्तर प्रदेश ने कोरोनाकाल में पीड़ित अधिवक्ताओं के सहयोग के लिए 27 लाख 88 हजार रूयपे की सहायता राशि भेजा था। कलेक्ट्रेट बार ने इस पैसे का उपयोग नही किया था न ही बार काउंसिल उत्तर प्रदेश को वापस किया था। जिसके कारण 18 जनवरी 2025 अध्यक्ष मनोज मिश्रा, महामंत्री लालबहादुर यादव का रजिस्ट्रेशन लंबित कर दिया था।
बार काउंसिल यूपी के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय के पत्र के अनुसार 18 जनवरी राज्य विधिज्ञ परिषद उत्तर प्रदेश प्रयागराज की बैठक में लिये गए निर्णय, जिसके द्वारा अध्यक्ष और मंत्री कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति जौनपुर द्वारा कोरोना काल में बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश द्वारा दी गयी धनराशि को जरूरतमंद अधिवक्ताओं के मध्य वितरित न किये जाने के कारण अग्रिम आदेश तक के लिये उनका अधिवक्ता पंजीकरण प्रमाण पत्र निलम्बित किया गया था।
कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति, जौनपुर के अध्यक्ष और मंत्री द्वारा अपना लिखित जवाब व चेक रूपये 27,88,648.80/- कार्यालय को 22 जनवरी को प्राप्त कराया गया तथा जवाब के साथ प्रेषित चेक को कार्यालय द्वारा बैंक में जमा करा दिया गया है।
कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति जौनपुर के पत्र के अवलोकन व उनके द्वारा सम्पूर्ण धनराशि दिये जाने के पश्चात् कलेक्ट्रेट अधिवक्ता समिति, जौनपुर के अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र व महामंत्री, लाल बहादुर यादव का निलम्बन आदेश निरस्त किया जाता है तथा प्रकरण के अन्तिम रूप से निस्तारण हेतु प्रकरण 10 फरवरी2025 को बार काउंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश, प्रयागराज में सायंकाल 04:00 बजे किया जायेगा।
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