महराजगंज (जौनपुर)। क्षेत्र के ढेमा में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा में कथा के अंतिम दिवस व्यास श्री उमादास जी महराज ने भगवान कृष्ण और रुक्मिणी विवाह प्रसंग सुनाया। सुंदर झांकी आकर्षक का केंद्र रहा। कथा के दौरान भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी के विवाह पर विशेष प्रकाश डालते हुए कहा कि जिस प्रकार बेटी की शादी की जाती है, वैसे ही कथा में भगवान का विवाह उत्सव मनाया गया है। सप्ताह भर की इस दिव्य कथा में महाराज ने भगवान श्री कृष्ण और रुक्मिणी के प्रेम कहानी का मार्मिक वर्णन किया। उन्होंने बताया कि रुक्मिणी भगवान श्री कृष्ण की परम भक्त और सुंदरता की देवी थीं। उनके विवाह की कथा एक अद्वितीय प्रेम और भक्ति की मिसाल प्रस्तुत करती है। महाराज ने विस्तार से बताया कि रुक्मिणी ने अपने पिता के विरोध के बावजूद श्री कृष्ण को अपना जीवन साथी मान लिया। कथा समापन के बाद हवन कुंड में पूर्ण आहुति दिया गया। मुख्य यज्ञमान जितेन्द्र कुमार यादव (राजू) द्वारा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर आशीष यादव (मुलायम), अरविन्द, द्वारिका प्रसाद दुबे, रोहित, कृष्ण कुमार यादव, अनुज, राम श्रृंगार, तीर्थ राज यादव सहित श्रद्धालु रहे।
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