पूर्व में भी हो चुकी है मंदिर में चोरी
प्राचीनकाल से स्थापित इस मंदिर के बारे में ग्राम प्रधान अमरसेन यादव ने बताया कि मंदिर की स्थिति काफी जर्जर हो गई थी। वर्ष 1995 में इस मंदिर की दोनों प्रमुख मूर्तियां चोरी हो गई थीं, लेकिन कुछ दिनों बाद वे गेहूं के खेत में बरामद कर ली गईं। इसके बाद गांववासियों ने चंदा इकट्ठा कर मंदिर का जीर्णोद्धार कराया और मूर्तियों की सुरक्षा के लिए मजबूत दरवाजे लगवाए।
मंदिर का ताला तोड़कर मूर्ति चोरी
मंदिर में पुजारी नहीं था, जिसके चलते करीब दस दिन पहले गांववालों ने बक्सा क्षेत्र के लेदुका निवासी दिवाकर तिवारी को पुजारी नियुक्त किया था। बुधवार की रात पुजारी मंदिर के पास स्थित कमरे में सो रहे थे। उसी दौरान चोरों ने मंदिर के गेट का ताला तोड़कर मूर्तियों को उखाड़ लिया और चोरी कर ले गए।
जाँच में जुटी पुलिस
सुबह जब गांव का एक युवक मंदिर पहुंचा, तो उसने मूर्तियों को गायब पाया और तुरंत पुजारी को जगाया। इसके बाद बस्ती के अन्य लोग भी मंदिर पर पहुंच गए और घटना की सूचना पुलिस को दी। थानाप्रभारी जयप्रकाश यादव अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और जांच-पड़ताल शुरू कर दी। इस घटना से गांव में आक्रोश का माहौल है, और लोग मूर्तियों की शीघ्र बरामदगी की मांग कर रहे हैं।