श्री जायसवाल की जिन्दगी का सफर कांटों से भरा था। इसके बावजूद उन कांटों भरे रास्ते पर चलकर उन्होंने एक मुकाम हासिल किया। आज उनका "दैनिक तेजस टूडे" नामक अखबार देश के 5 राज्यों और उत्तर प्रदेश के सभी जिलों तक पहुंच रहा है।
श्री जायसवाल चार समाचार पत्रों के सम्पादक होने के अलावा पत्रकारों के हित की लड़ाई लड़ने के लिए 'गोमती जर्नलिस्ट एसोसिएशन' का गठन भी कर चुके हैं। वे सम्पादक मण्डल के महामंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में इसके अध्यक्ष हैं। इसके अलावा, वे स्वामी अड़गड़ानन्द जी के सेवा ट्रस्ट के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी हैं।
श्री जायसवाल जौनपुर नगर के नखास मोहल्ले के मूल निवासी हैं। उनका जन्म 30 जून 1977 को हुआ था। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति शुरू से ही खराब थी, जिसके कारण उन्हें किशोर अवस्था में पढ़ाई के साथ एक टाइप राइटर की दुकान पर मात्र 10 रुपये प्रतिदिन की नौकरी करनी पड़ी। इतने कम पैसों में घर का खर्च न चलने के कारण वे 200 रुपये प्रति माह पर अखबार भी बांटने लगे।
वर्ष 2000 में जौनपुर से प्रकाशित हिन्दी दैनिक समाचार पत्र ‘दैनिक मान्यवर’ में उन्होंने कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर मात्र 1500 रुपये प्रतिमाह की नौकरी शुरू की। इसके बाद, इसी तनख्वाह पर जौनपुर से प्रकाशित हिन्दी दैनिक समाचार पत्र 'तरुणमित्र' में 9 माह तक सेवा दी। गरीबी से संघर्ष कर रहे श्री जायसवाल पर वर्ष 2001 में एक और बड़ा आघात हुआ। उनके पिता की 1 जनवरी 2001 को अचानक बीमारी के कारण मृत्यु हो गई। पिता की मौत के बाद उन पर आर्थिक, मानसिक और शारीरिक कष्टों का पहाड़ टूट पड़ा।
इस संकट की घड़ी से जूझते हुए और गरीबी से लड़ते हुए श्री जायसवाल पूरे 11 वर्षों तक मात्र डेढ़ हजार रुपये की नौकरी करते रहे। नौकरी के साथ ही वर्ष 2007 में उन्होंने 'तेजस' के नाम से एक समाचार एजेंसी की शुरुआत की। इस संस्थान के माध्यम से करीब दो दर्जन से अधिक समाचार पत्रों में न्यूज भेजी जाने लगी।
वर्ष 2009 में उन्होंने 'तेजस टूडे' नामक एक दैनिक समाचार पत्र का प्रकाशन शुरू किया, जो निष्पक्ष और निर्भीक लेखनी के कारण कम समय में ही काफी लोकप्रिय हो गया। इस सफलता के बाद श्री जायसवाल ने 'तेजस' नाम से ही उर्दू, साप्ताहिक और पाक्षिक समाचार पत्रों का भी प्रकाशन शुरू कर दिया। पत्रकारिता के साथ श्री जायसवाल पत्रकारों की समस्याओं को देखते हुए 'गोमती जर्नलिस्ट एसोसिएशन' नामक एक संगठन की स्थापना की।
श्री जायसवाल पत्रकार होने के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों में भी गहरी रुचि रखते हैं। यही कारण है कि उन्होंने श्री लक्ष्मी पूजा महासमिति के संस्थापक सदस्य के रूप में भी कार्य किया और शीर्ष पदों पर अपनी सेवाएं दीं। उनकी लगन और मेहनत को देखते हुए स्वामी अड़गड़ानन्द जी के परमप्रिय शिष्य श्रद्धा बाबा ने श्री जायसवाल को उनके सेवा ट्रस्ट का राष्ट्रीय प्रवक्ता नियुक्त किया।
Story Credit : Shirazehind.com