आपको बताते चले की पूजा के पिता राजेश कुमार सिंह एक निजी शुगर मिल में क्लर्क हैं, जबकि माँ श्रीमती मंजू सिंह गृहिणी के साथ एक मेहनती किसान भी हैं। जब पूजा और उनके भाई-बहनों की पढ़ाई का खर्च बढ़ा, तो माँ ने मिर्च की खेती शुरू की। गर्मियों की झुलसाने वाली धूप में खेतों में काम करना, कंधों पर भारी कीटनाशक मशीन उठाकर छिड़काव करना, दिन-रात मेहनत करना। अपनी माँ को इस तरह कठिन परिश्रम करते देख पूजा के मन में एक दृढ़ निश्चय जागा कि वह अपनी मेहनत से इस परिस्थिति को बदलेगी और अपने परिवार को एक बेहतर जीवन देगी।
पूजा की माँ ने खुद पढ़ाई पूरी नहीं कर पाईं, लेकिन बेटी की शिक्षा को अपनी पहली प्राथमिकता बनाया। चाहे खेत का कितना भी महत्वपूर्ण काम हो, उन्होंने पूजा की स्कूल या कोचिंग कभी मिस नहीं होने दी। पूजा ने भी अपनी माँ के संघर्षों को अपनी प्रेरणा बनाया और दिन-रात मेहनत कर SSC JE परीक्षा में सफलता प्राप्त की।