● सीएचसी महराजगंज की इमरजेंसी वार्ड एक स्वीपर के सहारेजहां एक डाक्टर की तैनाती जिसे मिला है अधीक्षक का चार्ज● डेढ बजते ही सीएचसी पर छा जाता है संनाटा
महराजगंज (जौनपुर ) । स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य  केन्द्र महराजगंज बर्षो से स्वयं बीमार पड़ा है । जहां मात्र एक डाक्टर राजेन्द्र प्रसाद की तैनाती है विभाग ने उन्ही को अधीक्षक का भी कार्य भार सौपा है । जो आये दिन मीटिंग मेंही व्यस्त रहते है । ऐसी स्थिति मे मरीज का इलाज कौन करेगा ओपीडी कौन देखेगा इसका समुचित जबाब  स्वास्थ्य विभाग बता पाने में असमर्थ है। प्रभारी अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद ने बताया कि  सीएचसी महराजगंज में कुल छ:डाक्टर का पद खाली पड़ा है । विभाग द्वारा कोई तैनाती ही नही की जा रही है।
उन्होने बताया कि एक फार्मासिस्ट के अलावा न कोई एल टी है न कोई एल ए है । हड्डी डाक्टर और चाईल्ड  डाक्टर की कमी से एक्सरे मशीन का भी काम बहुत ही कम होता है । कार्यालय मे तैनात बाबू नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि बर्षो से स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी का पद खाली है।
पीएचसी राजाबाजार के तैनात एलटी व एलए कोअटैचकर किसी तरह मरीजो के खून पेशाब की जांच कराई जा रही है ।मरीज दीपक अनुराग चंदन गुडिया का कहना है कि ये सामुदायिक अस्पताल डेढ बजते बजते सूनसान हो जाती है ।यदि आशा कार्यकत्रियो की बैठक आये दिन न होती तो अस्पताल पर कोई मरीज दिखाई ही नही देता! इस सीएचसी की ऐसी हालात है कि यहां इमरजेंसी मरीज देखने वाला जल्दी कोई डाक्टर नही मिलता ।
नाम न छापने की शर्त पर एम्बुलेंस चालक ने बताया कि एक्सीडेंटल केस को भी एक स्वीपर द्वारा पट्टी मरहम कराया जाता है फार्मासिस्ट व वार्डव्याय का अता पता ही नही रहता । एमरजेन्सी वार्ड के बाहर अ टैच स्वीपर मुमताज ही मरीजो का इलाज करता और वही ही रेफर कराने की सलाह भी देता है ।कहीं से कोई इमरजेन्सी केस आती है तो पहले मरीज के परिजन स्वीपर मुमताज को खोजते है फिर मुमताज डाक्टर को फोन कर बुलवाता है फिर रेफर कर दिया जाता है 
सोमवार करीब चार बजे तेज बुखार से तड़फडाते मरीज बीएल यादव किसी की मोटरसायकिल के सहयोग से जब सीएचसी महराजगंज पहुचे तो चारो तरफ ताला लटका मिला इमरजेन्सी वार्ड का थोडा दरवाजा खुला मिला लेकिन अन्दर से बाहर तक कोई नही दिखाई दिया काफी देर बाद आवाज देने पर एक स्वीपर आया और अपना नाम मुमताज बताते हुए बोला डाक्टर बाहर कही चाय पीने गये है कही अन्यत्र  दिखा लीजिए । अस्पताल के कुछ दूर पर एक दुकान पर बैठे प्रभारी अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद को जब मरीज ने अपनी तकलीफ के बारे में बताया तो वे बोले कल दो बजे के पहले आना ।
इमरजेन्सी वार्ड देख रहे स्वीपर मुमताज ने इमरजेन्सी रजिस्टर का अवलोकन  कर बताया कि तीन दिसम्बर काे दो एक्सीडेंटल केस आई थी जिसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया था । एक दिसम्बर से वैसी कोई एक्सीडेटल केस नही रही।

 
 
 
 
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