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महराजगंज वि.ख. के चरियाही गांव का नाता द्वापर युग से जुड़ा, कहते हैं सखा संग कन्हैया गुजरे थे इधर से होकर

चरियाही गांव में स्थित - कल्पवृक्ष

  • कृष्ण के गुजरने के कारण गांव का नाम पड़ा था चल राही

महराजगंज, जौनपुर । जिला मुख्यालय से 44 किलोमीटर दूर महराजगंज विकास खंड के चरियाही गांव जो दो वर्ग किलोमीटर में बसा है। मान्यता है कि इस गांव का नाता द्वापर युग से जुड़ा है। यादव बाहुल इस गांव की पौराणिक पहचान वीरान वन में स्थित कदंब (कल्पवृक्ष के रूप में मशहूर ) और दूधिया तालाब से है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव का नाम पहले चल राही था जो बाद में चरियाही हो गया। गांव के दुधिया तालाब और कदंब की पूजा करने दूर-दूर से लोग आते है। 

सेटेलाइट द्वारा ली गयी फ़ोटो ( चरियाही गांव का - दूधिया तालाब )

यहां के बुजुर्गों का कहना है कदंब का वृक्ष व दूधिया तालाब के बारे में मान्यता है कि - यहां स्नान से चर्म रोग में राहत मिलती है। तालाब की मिट्टी दूध जैसी सफेद है, जिससे लोग कच्चे मकानों की पुताई करते हैं। बुजुर्गों के मुताबिक जनश्रुति है कि भगवान श्रीकृष्ण अपने सखाओं के साथ जाते समय कुछ दिनों वन में रुके थे। कल्पवृक्ष (कदंब पेड़) के पास ही दुधिया तालाब का निर्माण कराया था। तालाब के किनारे खुदाई में पुराने बर्तनों के टुकड़े मिलते हैं। श्रीकृष्ण के साथ आए राही ग्वाल सखाओं के चलते इस गांव का नाम चल राही पड़ा।


चरियाही गांव के स्व. उमाशंकर यादव विधायक रहे हैं। रामफेर यादव बिरहा गायक और बीपत यादव कवि के रूप में मशहूर थे उनका लिखा बिरहा देश भर में गाया जाता है। कृपाशंकर यादव (प्रदेश अध्यक्ष) , बनवारी लाल यादव सुल्तानपुर में पीसीएस अधिकारी है। डा. वंशराज चिकित्सक हैं। छोटेलाल यादव रिटायर्ड कानूनगो, जगदीश यादव मर्चेंट नेवी में है। गांव में 12 शिक्षक है। महेन्द्र यादव, राजकुमार, नागेंद्र, सुरेंद्र गिरधारी लाल, वरूण यादव रेलवे और लालमणि यादव पीएसी में हैं। रमाशंकर यादव यूपी पुलिस में हैं।

 

ग्राम प्रधान बृजलाल यादव कहते है कि -

स्वर्गीय उमाशंकर यादव (पूर्व विधायक) के प्रयास से गांव में मिनी स्टेडियम का निर्माण हुआ। पुलिस और सेना में भर्ती होने के लिए दूसरे गांवों से भी नौजवान यहां अभ्यास करने आते हैं। 



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